लाकडाउन के चलते एक दर्जन मजदूर भुखमरी के कगार पर

लाकडाउन के चलते एक दर्जन मजदूर भुखमरी के कगार पर
ठेकेदार व प्रशासन की बेरूखी के शिकार अघ्याना में डिग्री कालेज के निर्माण में लगे मजदूर
  • गाँव अध्याना में डिग्री कॉलेज निर्माण में लगे है मजदूर
  • राशन ख़त्म, ठेकेदार ने नहीं ली सुध

नकुड | सहारनपुर [इंद्रेश त्यागी]। लाकडाउन के चलते राजकीय डिग्री कालेज के निर्माण मे लगे एक दर्जन मजदूर भुखमरी के कगार पर है। कंस्ट्रक्शन ठेकेदार फोन नंही उठा रहा है। प्रशासन की ओर से कोई मदद नंही मिली है। मजदूरो के पास न पैसे है ओर न ही राशन। केंद्र व राज्य सरकार के तमाम दावे इन मजदूर के पास तक आते आते खोखले हो गये है।

समीपवर्ती ग्राम अघ्याना में प्रदेश सरकार राजकीय डिग्री कालेज का निर्माण करवा रही है। निर्माण का ठेका मेरठ के सचिन चौधरी के पास बताया जाता है। उसने इस निर्माण में मध्य प्रदेश के छत्रपुर जनपद के लक्षमण, विरेंद्र, विनोद, राजेश, रवि, जोति, सुमंत्रा, गणेशी, सोनी व आजमगढ के महेंद्र चौहान को लगा रखा है। उनके साथ चार-पांच माह के छोटे बच्चे है। डिग्री कालेज की साईट गांव की आबादी से करीब डेढ किमी दूर जंगल में है।

मजदूरों के पास न पैसे है न राशन
इन मजदूरो के पास खाने के लिये कुछ नंही है। उन्होंने आरेाप लगाया कि ठेकेदार फोन नंही उठा रहा है। लाकडाउन के चलते उनके पास न तो राशन है और न ही पैसे । काम बंद है। जिसके चलते अब उनके समक्ष भूखो मरने की नौबत आ गयी है। मजदूरो ने बताया कि उन्होंने 112 नबंर डायल कर अपनी व्यथा कहने का प्रयास किया परन्तु 112 पर काल रिसीव नंही हुई। जिसके चलते वे अब क्या करे समझ नंही आ रहा।

प्रधानपति ने कहा पांच अप्रैल को कोटा आयेगा तब राशन देंगे
गांव के प्रधान पति से संपर्क करने कर उसे अपनी आपबीती बतायी। तो उसने कहा कि पांच अप्रैल को राशन का कोटा आयेगा तब उनकी व्यवस्था हो जायेगी। परंतु पांच अप्रेल तक वे क्या खाये? यह सवाल मुंह बाये खडा है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने उनकी खबर नंही ली है। सोमवार को अघ्याना निवासी मा. कृष्ण दत्त त्यागी, सुरज प्रकाश, कपिल आदि ने मजदूरों के पास जाकर उनकी मदद करने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने कहा कि प्रदेश सरकार मजदूरो की मदद के तमाम दावे कर रही है। फिर इन मजूदरों का मदद क्यों नहीं मिल रही है।

एसडीएम ने फोन रिसीव नही किया
इस बाबत जब एसडीएम पीएस राणा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होनें फोन रिसीव ही नही किया। जबकि तहसीलदारी देवेद्र सिंह ने कहा कि मजूदर जिसके लिये काम कर रहे है उसकी जिम्मेदारी है कि वह उनका ध्यान रखे। पंरतु अगर वह ध्यान नंही रखता तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि वे मामले को दिखवायेगे।