‘पेट से बोलता बच्चा पूछ लो बाहर निकलना भी है या नहीं’- गब्बर बने आजम

‘पेट से बोलता बच्चा पूछ लो बाहर निकलना भी है या नहीं’- गब्बर बने आजम

आजम खान ने कहा कि अगर इतनी ही बुजदिल जिंदगी गुजरना चाहते हो तो हमसे वो गीदड़ अच्छा है. कम से कम रात को अपनी गिजा तो तलाशेगा. इस बुजदिली की जिंदगी से मौत अच्छी है. जमाना याद तो रखेगा.

New Delhi : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को अपने वोट का अधिकार छिनने का दर्द जीने नहीं दे रहा है. वो लगातार रामपुर की चुनावी सभाओं में इसका जिक्र कर रहे हैं. ऐसी ही एक सभा के दौरान उन्होंने मुस्लिम वोटरों को भड़काने की भी कोशिश की. आजम खान ने कहा, ”जैसा हमारे साथ हुआ है. चार सरकारों में अगर मैंने ऐसा किया होता तो. बच्चों तुम्हारी मुस्कुराहटों की कसम खाकर कहता हूं कि बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले ये पूछता कि पूछ लो आजम खान से बाहर निकलना भी है या नहीं.”

रामपुर में आजम खान ने अपना शक्ति प्रदर्शन जारी रखा है. मुस्लिम वोटरों से समाजवादी पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए रोड शो और रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है, जिसको देखते हुए आजम खान का हौसला बढ़ा है. ऐसे ही एक जनसभा के दौरान आजम खान के वोट देने के अधिकार खत्म करने को पचा नहीं पा रहे हैं. भड़ास निकालते हुए उन्होंने गब्बर स्टाइल में चुनौती दी

मंच पर सांसद एसटी हसन भी रहे मौजूद

रामपुर के शुतरखाना में इस जनसभा के दौरान मुरादाबाद सांसद एसटी हसन और विधायक जियाउर रहमान बर्क भी मौजूद थे. ऐसे में मुस्लिम वोटरों को जाति के नाम पर खूब भड़काया. उन्होंने कहा, ”अगर इतनी ही बुजदिल जिंदगी गुजरना चाहते हो तो हमसे वो गीदड़ अच्छा है. कम से कम रात को अपनी गिजा तो तलाशेगा. इस बुजदिली की जिंदगी से मौत अच्छी है. जमाना याद तो रखेगा.”