एक ऐसा पात्र, जिसका नहीं किया गया रामायण में कहीं जिक्र

एक ऐसा पात्र, जिसका नहीं किया गया रामायण में कहीं जिक्र

New Delhi : भगवान श्री राम को समर्पित दिपावली का त्योहार भारत के साथ-साथ विदेशों में भी प्रचलित है, आप सभी ने रामायण की कहानी सुनी और देखी होगी, रामायण के सभी पात्रों को भी आप बखूबी जानते ही होंगे, लेकिन एक पात्र ऐसा भी है, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, रामायण में हम सभी ने राजा दशरथ के चार पुत्रों के बारे में सुना है, जैसे राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न. लेकिन क्या आप जानते हैं,भगवान राम की एक बहन भी थी,और हमने रामायण में इनका कहीं जिक्र भी नहीं सुना है,आइए हम आपको आज अपने इस लेख में बताएंगे,कि आखिर कौन है भगवान श्री राम की बहन, और रामायण में इनका जिक्र क्यों नहीं किया गया है.

पौराणिक कथा-
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम की एक बड़ी बहन भी थीं, जिनका नाम शांता था, शांता बचपन से ही सभी कार्यों में निपूण थीं, उनको हाथ से बनीं चीज़ें बनाना बेहद पसंद था, उनको वेदों के बारे में काफी ज्ञान था. लेकिन इन सब के बीच राजा दशरथ ने शांता को अंगदेश के राजा को गोद दे दिया था.

राजा दशरथ ने शांता को अंगदेश के राजा को क्यों दिया गोद-
कहा जाता है राजा रोमपद और उनकी पत्नि वर्षिणी जब राजा दशरथ और कौशल्या से मिलने अयोध्या नगरी गए थे, तब राजा रोमपद की कोई संतान नहीं थी, इसलिए राजा रोमपद ने राजा दशरथ से शांता को गोद लेने की बात कही थी, और रघुकुल के नियम के अनुसार पहला संतान ही सिंघासन संभाल सकता था, लेकिन राजा दशरथ की ज्येष्ठ पुत्री एक कन्या होने के कारण राज सिंहासन नहीं संभाल सकती थी, इसलिए राजा दशरथ गोद देने को राजी हो गए, उसके बाद राजा रोमपद और उनकी पत्नि खुशी से उनकी ज्येष्ठ पुत्री को गोद लिया और इस तरह राजा दशरथ की ज्येष्ठ पुत्री अंगदेश की राजकुमारी बनीं.

रामायण में क्यों नहीं किया गया शांता का जिक्र-
जैसा कि हम सबने रामायण सुनी है, जिसमें राजा दशरथ के चार पुत्र का जिक्र किया गया है- राम, लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न. लेकिन शांता उनकी ज्येष्ठ पुत्री का जिक्र इसलिए नहीं किया गया है, क्योंकि राजा रोमपद और उनकी पत्नि वर्षिणी की गोद सूनी थी, तब राजा दशरथ ने अपनी पुत्री उनको गोद दे दिया था, और बचपन से ही वह अंगदेश की राजकुमारी बन गई थी.

जाने कहां होती है शांता देवी की पूजा-
कहा जाता है हिमाचल के कुल्लू में श्रृंग ऋषि के आश्रम में भगवान राम की बड़ी बहन शांता देवी की पूजा की जाती है, यहां दशहरा का त्योहार बड़े ही जोरों शोरों से मनाया जाता है.


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