छह महीने में भारतीय बैंकों में हुए 958 अरब रुपये के घोटाले
खास बातें
- 5743 मामले दर्ज कराए गए हैं बैंकों की तरफ से
- ज्यादातर शिकायतें पिछले सालों में हुई गड़बड़ी की
- वित्त मंत्री ने संसद के उच्च सदन में दी जानकारी
- निष्क्रिय हो चुकी कंपनियों के 3.38 लाख बैंक खाते सीज
देश के सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों ने इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच कुल 958 अरब रुपये के घोटालों की शिकायतें दर्ज कराई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद के उच्च सदन में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि सरकारी बैंकों ने छह महीने के इस अंतराल में घोटाले व धोखाधड़ी के 5743 शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें से ज्यादातर मामले पिछले सालों में हुई गड़बड़ियों के हैं। वित्त मंत्री के मुताबिक, इस साल 1000 मामलों में 25 अरब रुपये का घोटाला हुआ है।
वित्त मंत्री के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक ने सबसे ज्यादा 254 अरब रुपये के घोटाले की शिकायत की है, जबकि पंजाब नेशनल बैंक ने 108 अरब रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 83 अरब रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी दी है।
बैंकरों ने इसके लिए लचर नियमों और बैंक अधिकारियों की धोखेबाजों के साथ मिलीभगत को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बैंकों का नुकसान पूरा कराने के लिए प्रयास कर रही है। बैंकों में घोटाले की घटनाएं रोकने के लिए व्यापक उपाय किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में निष्क्रिय हो चुकी कंपनियों के 3.38 लाख बैंक खातों को सीज कर दिया गया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 2016 में एक सख्त दिवालिया व ऋणशोधन अक्षमता कानून और भगोड़े आर्थिक अपराधी कानून पारित कराए हैं, जिनका लक्ष्य बैंकों को धोखाधड़ी के कारण हुए करीब 10 लाख करोड़ रुपये के घाटे को पूरा करने में मदद देना है।