रूहानियत और इंसानियत संग संग, 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम

रूहानियत और इंसानियत संग संग, 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम
  • सहारनपुर में निरंकारी संत समागम के बारे में जानकारी देते वक्ता।

सहारनपुर। रूहानियत और इन्सानियत के दिव्य संदेश को दर्शाने वाले 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य आयोजन दिनांक 16 नवम्बर से 20 नवम्बर तक होने जा रहा है। इसी श्रृंखला के अंर्तगत सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन कर कमलों द्वारा समागम सेवाओं का उद्घाटन दिनांक 18 सितम्बर को संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में किया गया। उसी दिन से ही दिल्ली एंव अनेक राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों एंव सेवादल के सदस्यों द्वारा नित्य प्रतिदिन सेवाओं में योगदान दिया जा रहा है। साथ ही सत्गुरु के पावन दर्शन पाकर सभी भक्त प्रफुल्लित हो रहे हैं।

सहायक मीडिया प्रभारी धर्मेंन्द्र अनमोल ने बताया कि आज समालखा में प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस वर्ष का ’75वां वार्षिक निरंकारी संत समागमÓ पूर्व की भांति सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सान्निध्य में सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा (हरियाणा) में आयोजित किया जा रहा है जिसका विस्तारण लगभग 600 एकड़ क्षेत्र में होगा। आजकल जी. टी. रोड से आने जाने वाले यात्रियों के लिए यहां शामियानों की चमकती हुई सुंदर नगरी उत्सुकता एंव आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संपूर्ण भारतवर्ष से लगभग 8 से 10 लाख तथा दूर देशों से 2500 के करीब श्रद्धालु भक्तजन संत समागम में सम्मिलित होकर दिव्यता के इस महाकुंभ का आनंद प्राप्त करेंगे।

उन्होंने बताया कि समागम स्थल पर तैयारियों से लेकर समागम की सम्पन्नता तक सेवादल के लगभग 1,50,000 सदस्य सेवा के लिए तत्पर होंगे। यह सेवादार वर्ष भर उत्साह एंव तनमयता के साथ निरंतर अपनी सेवाओं में जुड़े रहते हैं। इस वर्ष भी सेवादल के सभी सदस्य संत समागम में सम्मिलित होकर सेवाओं में अपना योगदान देंगे। उन्होंने बताया कि सन्त निरंकारी मण्डल के स्वास्थ्य एंव समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम पर 9 डिस्पेंसरियाँ कार्य करेंगी, जिनमें 5 एलोपैथिक और 4 होम्योपैथिक डिस्पेंसरियाँ शामिल है।

इसके अतिरिक्त 14 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रए 1 कायरो चिकित्सा पद्धति शिविर तथा 4 एक्युप्रैशरध्फिजियोथैरिपी डिस्पैंसरियों की सुविधा भी उपलब्ध करवायी जाएगी। कायरो चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत 60 डॉक्टर, एलोपैथिक में लगभग 100 और होम्योपैथिक में लगभग 40 डॉक्टरों की टीम समागम स्थल पर कार्यरत रहेंगी। इसके अतिरिक्त पैरामेडिकल स्टॉफ की सुविधा समागम पर उपलब्ध करवायी जायेगी जिसकी संख्या लगभग 300 है।