69,000 शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने कहा-शिक्षा मित्रों के लिए 60-65 फीसदी कटऑफ काफी ज्यादा

69,000 शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने कहा-शिक्षा मित्रों के लिए 60-65 फीसदी कटऑफ काफी ज्यादा

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा-प्रथम दृष्टया हमें भर्ती परीक्षा में शिक्षा मित्रों के लिए 60-65 फीसदी कट ऑफ काफी ज्यादा लगता है। कोर्ट ने अपनी इस मौखिक टिप्पणी में यह भी कहा, हमें नहीं लगता कि इस परीक्षा में बीएड छात्रों को शामिल करने पर कोई आपत्ति होनी चाहिए। इस मामले में अगली सुनवाई 20-21 जुलाई को देखने को मिलेगी।

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस मोहन एम शांतनागौदर की पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक तौर पर कहा, हमें नहीं लगता कि भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन मंगाने से पहले या बाद में कटऑफ में फेरबदल करने में आपत्ति होनी चाहिए। दरअसल, अभ्यर्थियों के एक समूह ने परीक्षा प्रक्रिया के दौरान कटऑफ बढ़ाने को चुनौती दी है। पीठ ने कहा कि प्रथमदृष्टया शिक्षामित्रों के लिए 60-65 कट ऑफ अधिक नजर आता है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने कहा, आवेदन मांगने के बाद कटऑफ बढ़ाना गलत है। बीएड छात्र सहायक शिक्षक परीक्षा में शामिल होने की पात्रता नहीं रखते। बीएड उम्मीदवारों ने छह महीने का ब्रिज कोर्स नहीं किया जो सहायक शिक्षक के लिए जरूरी अर्हता है। उन्हें केवल प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में भर्ती किया जा सकता है। इस दौरान पीठ ने कहा, परीक्षा के लिए बीएड छात्रों की पात्रता को लेकर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 37,339 पद पर रोक के आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग 
69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार गुरुवार को अपना पक्ष रखती लेकिन किसी कारणवश सुनवाई नहीं हो सकी। अब अगली सुनवाई 20-21 जुन को संभावित है। अदालत यूपी सरकार की संशोधन याचिका पर सुनवाई कर रहा है। यूपी सरकार ने याचिका दाखिल कर उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने उस आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग की है, जिस आदेश में अदालत ने 37,339 पद भरने पर रोक लगा दी थी।

37,399 पदों पर छोड़कर नियुक्ति प्रक्रिया जारी रख सकती है सरकार: सुप्रीम कोर्ट 
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने नौ जून को अंतरिम आदेश पारित कर यूपी सरकार से कहा था कि वह शिक्षामित्रों के लिए 37,399 पदों पर छोड़कर नियुक्ति प्रक्रिया जारी रख सकती है। वहीं बेसिक टीचर सर्टिफिकेट (बीटीसी) प्रशिक्षित उम्मीदवारों के एक समूह ने इस भर्ती परीक्षा में बीएड के छात्रों को शामिल करने को चुनौती दी है।