मैक्स हॉस्पिटल, पटपडग़ंज में मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी से 67 वर्षीय सहारनपुर की महिला फिर से चलने लगी

मैक्स हॉस्पिटल, पटपडग़ंज में मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी से 67 वर्षीय सहारनपुर की महिला फिर से चलने लगी
  • सहारनपुर में जानकारी देते डा. अमिताभ गोयल।

सहारनपुर। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपडग़ंज के डॉक्टरों ने 67 वर्षीय सहारनपुर निवासी सुश्री अनीता जैन का सफलतापूर्वक उपचार किया। वह पिछले 8 महीनों से गंभीर और कमजोरी पैदा करने वाले कमर दर्द से पीडि़त थीं। डॉक्टरों ने उनका उपचार मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी (एमआईएसएस) तकनीक से किया, जो रिकवरी समय को काफी कम करती है और क्रॉनिक स्पाइन कंडीशन्स वाले मरीजों के लिए बेहतर परिणाम देती है। स्पाइन सर्जरी में प्रगति और समय पर इलाज के महत्व को उजागर करने के लिए आयोजित एक सत्र के दौरान मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपडग़ंज के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर, डॉ. अमिताभ गोयल मौजूद रहे। .

इस दौरान, उन्होंने सहारनपुर के श्याम ऑर्थोपेडिक मेमोरियल हॉस्पिटल में विशेष न्यूरोसर्जरी ओपीडी सेवाओं की शुरुआत की भी घोषणा की। डॉ. अमिताभ गोयल हर महीने के चैथे बुधवार को दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे तक श्याम ऑर्थोपेडिक मेमोरियल हॉस्पिटल, सहारनपुर में प्राथमिक परामर्श और फॉलो-अप के लिए उपलब्ध रहेंगे।

केस के बारे में बताते हुए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपडग़ंज के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर, डॉ. अमिताभ गोयल ने कहा कि मरीज लंबे समय से लगातार कमर दर्द के साथ जी रही थीं, जो समय के साथ-साथ बढ़ता गया और सामान्य गतिविधियाँ भी मुश्किल हो गईं। चलने और लंबे समय तक खड़े रहने में कठिनाई होती थी और धीरे-धीरे पैरों में सुन्नपन भी होने लगा था। आराम, फिजियोथेरेपी और दवाओं जैसे लंबे समय तक चले कंसर्वेटिव ट्रीटमेंट के बावजूद उनकी स्थिति बिगड़ती गई। एमआरआई में स्पष्ट हुआ कि सर्जिकल इंटरवेंशन जरूरी है। हमने मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी (एमआईएसएस) तकनीक का उपयोग किया, जिसमें अत्यंत छोटे चीरे के माध्यम से विशेष उपकरणों और माइक्रोस्कोप या एंडोस्कोप की मदद से सर्जरी की जाती है। पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में इसमें मांसपेशियों को कम काटना पड़ता है, जिससे कम दर्द, कम ब्लड लॉस, कम कॉम्प्लीकेशन्स और तेज रिकवरी मिलती है। सर्जरी सफल रही, और मरीज अगले ही दिन चलने लगीं। कुछ ही समय बाद उन्हें बिना किसी कॉम्प्लीकेशन्स के छुट्टी दे दी गई। कुछ दिनों में उनका दर्द और सुन्नपन काफी हद तक कम हो गया और वह अपनी दैनिक दिनचर्या में लौट सकीं।

डॉ. अमिताभ ने आगे बताया ैएमआईएसएस स्लिप्ड डिस्क (डिस्क प्रोलैप्स), नर्व कंप्रेशन, स्पाइनल स्टेनोसिस और कुछ प्रकार की स्पाइनल इन्स्टेबिलिटी जैसी स्थितियों में एक उत्कृष्ट विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है। समय पर निदान और शुरुआती सर्जिकल उपचार लंबे समय तक होने वाले नर्व डैमेज को रोकने और जीवन की गुणवत्ता बहाल करने में बेहद महत्वपूर्ण है। एमआईएसएस जैसे एडवांस्ड तकनीकों के साथ मैक्स हॉस्पिटल, पटपडग़ंज प्रभावी, सुरक्षित और पेशेंट सेंट्रिक स्पाइन केयर प्रदान करता आ रहा है, जिससे मरीज दोबारा गतिशीलता पा सकें और दर्द-रहित जीवन जी सकें।