Uttarakhand Chamoli Glacier Tragedy Rescue Operation: चमोली में नौ दिन से चल रहे रेस्क्यू में अब तक 56 शव और 22 मानव अंग बरामद
देहरादून। चमोली के तपोवन में एनटीपीसी की विष्णुगाड परियोजना की मुख्य टनल में मलबे में दबे तीन और शव मिले। यहां से अब तक आठ शव बरामद हो चुके हैं। इस टनल के रास्ते सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) में सात फरवरी को काम करने गए 34 व्यक्तियों की तलाश में दिन-रात रेस्क्यू चल रहा है। इस बीच, सोमवार को एक शव मैठाणा इलाके में और एक शव श्रीनगर में अलकनंदा हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज से मिला है। लापता व्यक्तियों में से अभी तक 56 के शव मिल चुके हैं। 148 अन्य की तलाश जारी है। इधर, आपदा प्रभावित 13 गांवों में जनजीवन पटरी पर लाने के प्रयास तेज किए गए हैं। यहां बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने के साथ ही आवाजाही के साधन तैयार किए जा रहे हैं।
ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया में तबाही के निशां के बीच रेस्क्यू दल मुस्तैदी से लापता लोगों की खोजबीन में जुटे हुए हैं। टनल में फंसे व्यक्तियों को बचाने के लिए सप्ताहभर के दरिम्यान कई विकल्पों पर एक साथ काम किया गया, लेकिन आखिरी उम्मीद बीते रोज ड्रिलिंग पूरी होने के साथ टूट गई। एसएफटी की स्थिति का पता लगाने के लिए मुख्य टनल के नीचे 12 मीटर ड्रिलिंग की गई तो वहां मलबा और पानी मिला। ड्रिलिंग से पहले तक उम्मीद जताई जा रही थी कि एसएफटी तक मलबा नहीं पहुंचा होगा तो वहां फंसी टीम के जिंदा रहने के काफी आसार हैं। टनल में पर्याप्त एयर स्पेस का अनुमान भी लगाया जा रहा था।
कुछ कम हुई दिक्कतें
मुख्य टनल से मलबा हटाने में आ रही दिक्कतें कुछ हद तक कम हुई हैं। भीतर का मलबा अब सूखने लगा है। टनल के सामने की तरफ से पानी और मलबे का दबाव भी पहले की तुलना में कम हुआ है। इससे मलबा हटाने में तेजी आई है। हालांकि, रेस्क्यू टीम अभी तक टी प्वाइंट जो कि मुख्य टनल के प्रवेश द्वार से 180 मीटर दूरी पर बताई जा रही है, नहीं पहुंच पाई है। तकरीबन 160 मीटर तक ही मलबा हटाया जा सका है।
धौलीगंगा की धारा मोड़ी
विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज से मलबा हटाने का काम नवें दिन भी शुरू नहीं हो पाया। धौलीगंगा नदी से इसमें हो रहे रिसाव को रोकने के लिए नदी की धारा को दूसरी दिशा में मोड़ दिया गया है। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि बैराज में दलदल होने की वजह से इसकी सफाई शुरू करने के लिए कुछ वक्त इंतजार करना पड़ रहा है।
एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर तैनात
डीएम का मानना है कि टनल में फंसे व्यक्तियों के जिंदा होने की अभी भी उम्मीद की जा रही है। इसलिए तपोवन में चौबीसों घंटे एंबुलेंस, हेलीकाप्टर तैनात किया गया है।
फ्लश पंप से निकालेंगे पानी
डीएम ने बताया कि तपोवन में मुख्य टनल के अंदर जमा पानी निकालने के लिए फ्लश पंप भी लगाया जा रहा है। इससे मलबा हटाने में मदद मिलेगी।
बारिश ने बढाई चिंता
सोमवार को तपोवन क्षेत्र में रिमझिम बारिश हुई। यद्यपि इससे रेस्क्यू में कोई बड़ी दिक्कत खड़ी नहीं आई, लेकिन अगर मौसम का मिजाज बदला तो परेशानी आ सकती है।
दूसरे जिलों में भी खोजबीन
ऋषिगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज और आसपास के साथ ही श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग और हरिद्वार में लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है। चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया व पुलिस कप्तान यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उनका डीएनए सैंपल सुरक्षित रखा जा रहा है, ताकि बाद में डीएनए के आधार पर शिनाख्त की जा सके। तपोवन में बैराज साइड पर मलबा हटाने के लिए दोनों ओर मशीनें लगाई गई हैं।
तीन और मृतकों की शिनाख्त
सोमवार को चमोली के आपदा प्रभावित क्षेत्र में विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की मुख्य टनल से बरामद तीन शवों की शिनाख्त कर ली गई हैं। जबकि मैठाणा और श्रीनगर में मिले शवों की पहचान नहीं हो पाई है। आज हुई शिनाख्त का विवरण इस प्रकार है।
- गजेंद्र पुत्र राम सिंह, निवासी धनकन रायपुर शिवपुरी मध्य प्रदेश, तपोवन टनल
- सत्यपाल पुत्र मदन सिंह, निवासी ग्राम मसोली, विकासखंड पोखरी चमोली, तपोवन टनल
- सलदार पुत्र जुइयां दास, निवासी समल्टआ थाना कालसी देहरादून, तपोवन टनल
रेस्क्यू अपडेट
लापता 204 व्यक्तियों में से अब तक 56 शव और 22 मानव अंग बरामद। सोमवार को पांच शव मिले। चमोली जिले के जोशीमठ थाने में 179 व्यक्तियों की गुमशुदगी दर्ज।
नवें दिन बिजली बहाल
आपदा प्रभावित पैंग गांव में नवें दिन जाकर बिजली आपूर्ति सुचारू कर दी गई। यहां सात फरवरी को तीन किलोमीटर विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। ऊर्जा निगम ने अस्थायी लाइन तैयार कर बिजली आपूर्ति बहाल की। पुल, पुलिस और पैदल रास्ते टूटने वाले गांवों के लिए ट्रॉली और अन्य विकल्पों से आवागमन का साधन जुटाए जा रहे हैं। चमोली जिले के 13 गांव आपदा से प्रभावित हैं।