5 बार पॉजिटिव निकली रिपोर्ट, योग की मदद से जीता कोरोना से जंग

5 बार पॉजिटिव निकली रिपोर्ट, योग की मदद से जीता कोरोना से जंग
हाइलाइट्स
  • मर्चेंट नेवी में 15 साल कैप्टन रहे अश्विनी गर्ग ने कोरोना को खुद पर हावी नहीं होने दिया
  • 5 बार कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उन्होंने कोरोना से जंग जीत ली
  • कोरोना के खिलाफ इस जंग में कैप्टन अश्विनी गर्ग ने योग का सहारा लिया

मेरठ
पूरा देश इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है, लेकिन मर्चेंट नेवी में 15 साल कैप्टन रहे अश्विनी गर्ग ने पांच बार पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी कोरोना को मात दे दी। जर्मनी में रहने वाले अपने भाई की सलाह पर खास तकनीक पर आधारित योग और प्राणायाम किया। अश्विनी ने बताया कि योग प्राणायाम की मदद से कोरोना को एक भी पल हावी नहीं होने दिया। शुक्रवार की रात उन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर दिया गया।

कोरोन से जंग जीतकर घर लौटे अश्विनी ने  फोन पर बताया कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान जर्मनी के हेमबर्ग से उनके भाई प्रियदर्शी शर्मा का उनके पास फोन आया। उन्होने वशिष्ठ योग फाउंडेशन के योग गुरु धीरज के आसन प्राणायाम के विडियो भेजकर उन्हें इसे करने की सलाह दी। इस बीच तीन बार उनका टेस्ट पॉजिटिव आ चुका था। भाई की सलाह पर उन्होने 9 अप्रैल से योग गुरु धीरज की बताई पद्धति पर योग करना शुरू कर किया। इसमें खास तौर पर लेट कर वशिष्ठ प्राणायाम करना काफी असरकारी रहा।

इसके साथ उनके निर्देश पर अनुलोम विलोम, भ्रामरी व उज्जयी को मिलाकर खास प्राणायाम भी किया। इससे उनके सांस लेने की क्षमता बढ़ने लगी और मानसिक रूप से भी वे खुद को मजबूत महसूस करने लगे। लेटकर किए जाने वाले वशिष्ठ प्राणायाम से शरीर को आराम मिलता था। कुंभक (सांस रोकने की खास तकनीक) से उनकी आंतरिक क्षमता में इजाफा हुआ। उन्होंने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान वे प्रतिदिन कम से कम तीन घंटे योग प्राणायाम का अभ्यास करते थे। 12 अप्रैल को भी उनका टेस्ट पॉजिटिव आया, लेकिन ब्लड टेस्ट में सुधार दिखने लगा था। योग शुरू करने के छह दिन बाद 15 अप्रैल को उनका पांचवा टेस्ट निगेटिव आया। उनका दावा है कि दो हफ्ते तक योगाभ्यास करने से रक्त में डब्ल्यूबीसी बढ़ जाता है। मानसिक ताकत भी बढ़ गई।

दरअसल, मेरठ निवासी 47 साल के अश्विनी गर्ग मर्चेंट नेवी में थे। अश्विनी 21 मार्च को सिंगापुर से नई दिल्ली एयरपोर्ट उतरे थे। उस दौरान वहां भारी भीड़ थी। उन्हें वहां 12 घंटे इंतजार करना पड़ा। उन्हें तभी संक्रमित होने का अंदेशा हो गया था। अश्विनी ने बताया कि इस जंग में उनकी पत्नी मनीषा शर्मा ने भी अहम भूमिका निभाई है। दिल्ली से मेरठ पहुंचने पर उनकी पत्नी ने उन्हें घर पर ही अलग रहने की सलाह दी। वह अपने घर पर ही क्वारंटीन में रहे। इसका नतीजा ये रहा कि घर में अन्य कोई संक्रमित नहीं हो पाया। 27 तारीख को गले में दर्द और बुखार हुआ। 28 मार्च को वे खुद मेडिकल कॉलेज पहुंचे और टेस्ट कराने की इच्छा व्यक्त की थी। उनका टेस्ट कराया गया, अगले दिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट कुल 5 बार पाजिटिव आई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। गुरुवार और शुक्रवार को लगातार दो बार उनका टेस्ट निगेटिव आने पर उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।


विडियों समाचार