जम्मू में रात के अंधेरे में फिर देखे गए 3 ड्रोन, BSF की फायरिंग से भागे

जम्मू में रात के अंधेरे में फिर देखे गए 3 ड्रोन, BSF की फायरिंग से भागे
  • ये ड्रोन रात करीब 8:30 से 9:30 के बीच बारी-ब्राह्मण, चिलाद्या और गगवाल इलाकों में एक ही समय पर देखे गए. इनमें से दो ड्रोन आर्मी कैंप और आईटीबीपी कैंप के पास देखे गए.

जम्मू: पिछले महीने जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के पास ड्रोन हमले के बाद से पाकिस्तान सीमा पार से आने वाले ड्रोन दिखने की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं. गुरुवार देर रात को भी जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के सांबा जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन   मंडराते देखे गए. ये ड्रोन रात करीब 8:30 से 9:30 के बीच बारी-ब्राह्मण, चिलाद्या और गगवाल इलाकों में एक ही समय पर देखे गए. इनमें से दो ड्रोन आर्मी कैंप और आईटीबीपी कैंप के पास देखे गए. सीमा सुरक्षा बल के जवानों की ओर से की गई फायरिंग के बाद तीनों ड्रोन वहां से बचकर निकल गए.

कनचक में मार गिराया था विस्फोटक लदा ड्रोन
गौरतलब है कि ये ड्रोन ऐसे समय देखे गए हैं जब करीब एक हफ्ते पहले पुलिस ने यहां पास के सीमावर्ती कनचक इलाके में पांच किलोग्राम आईईडी सामग्री ले जा रहे एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था. अधिकारियों ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने पाकिस्तान की ओर लौट रहे एक ड्रोन पर चिलाद्या में कुछ गोलियां दागी. अधिकारियों ने कहा कि अन्य दो ड्रोन बारी ब्राह्मणा और गगवाल में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर संवेदनशील सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर मंडराने के तुरंत बाद आसमान से गायब हो गए. पुलिस अन्य सुरक्षा बलों के साथ घटनास्थल पर गहन तलाशी के लिए रवाना हो गई है.

पाकिस्तान का गुब्बारा भी मिला
इन दो संदिग्‍ध ड्रोन के अलावा नियंत्रण रेखा के पास पुंछ सेक्‍टर में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस लिखा हुआ एक गुब्बारा भी मिला. इस पर पाकिस्तान का झंडा बना हुआ है. जम्‍मू-कश्‍मीर में 27 जून को भारतीय वायुसेना स्‍टेशन पर हुए हमले में ड्रोन के इस्‍तेमाल के बाद से लगातार सीमा पर ड्रोन देखे जा रहे हैं. इसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ बताया गया था. हालांकि यह विस्फोट तेज नहीं था और इसमें कुछ जवान घायल हुए थे.

सरकार जल्द लागू करेगी एंटी ड्रोन तकनीक
देश में ड्रोन हमलों के बढ़ते खतरे के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय विदेशों से एंटी ड्रोन तकनीक खरीदने के साथ-साथ देश में निर्मित तकनीक को भी लेने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस संदर्भ में डीआरडीओ की तकनीक की खरीद के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद को प्रस्ताव भेजा जा सकता है. सूत्रों की मानें तो डीआरडीओ ने एंटी ड्रोन तकनीक विकसित की है, जिसका कई मौकों पर वीआईपी सुरक्षा में इस्तेमाल भी किया जा चुका है.


विडियों समाचार