नदी में कूड़ा डालने वालों पर लगेगा 20 हजार जुर्माना

नदी में कूड़ा डालने वालों पर लगेगा 20 हजार जुर्माना
  • सहारनपुर में नगर निगम में पांवधोई विकास समिति की बैठक का दृश्य।

सहारनपुर [24CN]। पांवधोई नदी में कूड़ा व सीवर आदि डालने वालों पर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाने और नदी किनारें अतिक्रमण करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त काईवाई की जायेगी। नगरायुक्त ज्ञानेंद्रसिंह ने नगर स्वास्थय अधिकारी व अधिशासी अभियंता निर्माण को ये आदेश दिए। पांवधोई विकास समिति की बैठक में उन्होंने समिति व नदी से जुड़े पार्षदों को आश्वास्त किया कि समिति की हर महीने बैठक कर नदी के विकास व सौंदर्यीकरण की समीक्षा की जायेगी।

नगर निगम में पांवधोई समिति की बैठक को संबोधित करते हुए नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि पांवधोई सहारनपुर शहर की लाइफ लाइन है,उसे प्रदूषण मुक्त कर उसे उसके प्राचीन स्वरुप में लौटाना प्रशासन व निगम के साथ नागरिकों का भी नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि वर्ष में दो बार नदी की सफाई करायी जायेगी और उसके किनारों को विकसित कर सौंदर्यीकरण के लिए अतिक्रमण हटाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों के अनुपालन में भी यह आवश्यक है कि नदियों और जल स्त्रोतों को प्रदूषण मुक्त कर संरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि सीवर समस्या के समाधान के लिए भी 38 एमएलडी का ट्रीट प्लांट लगवाया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि जल्दी ही शहर के सभी बडेघ् मंदिरों से पुष्प-पत्ती नगर निगम की गाड़ी द्वारा एकत्रित कर गौशाला पहुंचायी जायेगी, जहां उससे अनेक उत्पाद बनाये जायेंगे।

नगरायुक्त ने नगर स्वास्थय अधिकारी डॉ. कुनाल जैन को निर्देश दिए कि जहां-जहां कूड़ा नदियों में फेंका जाता है वहां कर्मचारी तैनात कर ऐसे लोगों को चिन्हित करे और उन पर कम से कम 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाएं।उन्होंने अधिशासी अभियंता निर्माण आलोक श्रीवास्तव को नदी किनारों की टूटी पटरियों की मरम्मत कराने व टूटी जालिया ठीक कराने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि नदी क्षेत्रों से संबद्ध वार्डो के पार्षद निगरानी समितियों का नेतृत्व करें। निगम के पर्यावरण प्लानर उमर सैफ ने पांवधोई, ढमोला, नागादेयी के जल प्रदूषण को समाप्त करने के लिए नगर निगम द्वारा किये जा रहे कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने तीनों नदियों व हिंडन के पुनर्जीवन के लिए शिवालिक तलहेटी में वाटर रिचार्ज पर बल दिया।

इससे पूर्व पांवधोई विकास समिति के कोषाध्यक्ष डॉ. एस के उपाध्याय ने निगरानी समितियों का पुनगर्ठन कर उन्हें सक्रिय करने तथा धोबीघाट क्षेत्र में निरंतर नदी की सफाई कार्य कराने व नालों को टैप करने पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि नदी किनारे दसवां घाट पर एक बड़ा श्रद्धापात्र रखवाया जाए ताकि दसवां करने वाले लोग नदी में फूल पत्ती न डालकर वह सामग्री उसमें डाल सकें।

डॉ.पी के शर्मा ने कहा कि पांवधोई एक ईकाई है उसके विकास व सौंदर्यीकरण की स्वतंत्र योजना बनायी जाए। पांवधोई इतिहास के लेखक व समिति सदस्य डॉ.वीरेन्द्र आजम ने गत 50 साल की पांवधोई यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए नदी को प्रदूषण मुक्त करने व अतिक्रमण हटाने के अलावा नदी में पानी की व्यवस्था करने पर बल दिया। उन्होंने निगम द्वारा पूर्व में लागू साल में दो बार नदी सफाई कराने की व्यवस्था फिर से शुरु करने का सुझाव दिया। समिति के प्रचार सचिव आमिर खां एडवोकेट ने पांवधोई समिति के रजिस्ट्रेशन संबंधी जानकारी देते हुए उसमें जोड़े गये नये सदस्यों की जानकारी दी।

उन्होंने नदी क्षेत्रों से सम्बद्ध पार्षदों को समिति में पदेन सदस्य रखने का सुझाव दिया। ए सी पपनेजा ने शहर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह की सराहना करते हुए नदी को उसके प्राचीन स्वरुप में लौटाने के प्रयासों पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त पार्षद नंदकिशोर शर्मा व ज्योति अग्रवाल, राजेंद्र शर्मा, पंकज बंसल, साध्वी कविता जमुनादास ने भी सुझाव दिए। बैठक में पार्षद मुकेश गक्खड़, पार्षद सुनील शर्मा, पार्षद अमित त्यागी, वीना बजाज व रंजीता चौधरी आदि भी मौजूद रहे।