श्रीनगर: कश्मीर के टारगेट किलिंग के बढ़ते मामलों के बाद पैदा हुए मौजूदा हालात और कश्मीरी हिंदुओं में बढ़ती दहशत को देखते हुए श्रीनगर में तैनात 177 कश्मीरी हिंदू अध्यापकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतिरत कर दिया गया है। यही नहीं कश्मीरी हिंदू आवासीय कालोनी, कार्यालयों में भी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है ताकि भविष्य में टारगेट किलिंग पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। इसके अलावा कश्मीर के जिन इलाकों में दूसरे राज्यों से आए श्रमिक रह रहे हैं, वहां पुलिस गश्त को भी बढ़ाया गया है।
चीफ एजुकेशन आफिसर ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए श्रीनगर के दूरदराज इलाकों में तैनात कश्मीरी हिंदू अध्यापकों का जिला मुख्यालयों में ट्रांसफर और एडजस्टमेंट किया है। प्रदेश सरकार के आदेश पर कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए ही ये कदम उठाया गया है।
आपको जानकारी हो कि गृह मंत्री अमित शाह ने गत शुक्रवार को दिल्ली में कश्मीर में बढ़ती टारगेट किलिंग व आगामी अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा प्रबंधों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित पुलिस व सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। गृहमंत्री ने कश्मीर घाटी में कश्मीरी हिंदुओं और दूसरे राज्यों के श्रमिकों को निशाना बना रहे आतंकवादियों से सख्ती से निपटने के साथ इनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के सख्त निर्देश दिए थे।
गृहमंत्री से बैठक के एक दिन बाद ही कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर घाटी के अलग-अलग इलाकों में तैनात कश्मीरी हिंदुओं को सुरक्षित स्थानों यानी जिला मुख्यालयों में ट्रांसफर और एडजस्ट कर दिया है। आपको यह भी बता दें कि वर्ष 2012 में प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में सरकारी नौकरियों में तैनात कश्मीरी हिंदू मध्य कश्मीर के जिला बडगाम के चडूरा इलाके में 12 मई को आतंकवादियों द्वारा मारे गए राहुल भट्ट की हत्या के बाद से ही सुरक्षित इलाकों में ट्रांसफर की मांग कर रहे थे।
राहुल भट्ट के बाद जब आतंकियों ने शिक्षिका रजनी बाला की हत्या की तो कश्मीर घाटी सहित जम्मू में तबादलों को लेकर धरना-प्रदर्शनों का सिलसिला तेज हो गया। कई कश्मीरी हिंदू घाटी से वापस घर लौट आए। जो कश्मीर में रह गए हैं, उन्हें कालोनियों से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कश्मीरी हिंदुओं में सुरक्षा की भावना फिर से जगाने के लिए फिर प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थानांत पर ट्रांसफर कर दिया है।
यही नहीं उनकी आवासी कालोनियों, कार्यालयों में सुरक्षाबलों की तैनाती भी बढ़ा दी है। इसके अलावा कश्मीर घाटी के जिन इलाकों में दूसरे राज्यों के श्रमिक रह रहे हैं, वहां के थाना प्रभारियों को भी वहां गश्त बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं।