देश में अखंड भारत एवं रामायण को राष्ट्र ग्रंथ बनाने को लेकर 100 करोड़ लोग कृतसंकल्पित

देश में अखंड भारत एवं रामायण को राष्ट्र ग्रंथ बनाने को लेकर 100 करोड़ लोग कृतसंकल्पित

विजयदशमी का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। अधर्म पर धर्म की जीत के ल‍िए मनाये जाने वाले इस पर्व पर लखनऊ में श्रीराम विजयदशमी शोभायात्रा भी न‍िकाली गई। आरएसएस के प्रांत प्रचारक कौशल ने कहा क‍ि देश में अखंड भारत एवं रामायण को राष्ट्र ग्रंथ बनाने को लेकर 100 करोड़ लोग कृतसंकल्पित हैं।

लखनऊ। विजयदशमी पर मंगलवार को विजय जुलूस शोभायात्रा निकाली गई। भगवा रंग की पताकाओं और जय श्रीराम के जयघोष के बीच सुबह 1090 चौराहे से निकली यात्रा शहर के कई हिस्सो से होती हुई दोपहर बाद समाप्त हुई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल ने जय श्रीराम विजयदशमी शोभायात्रा को रवाना किया।

राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति की ओर से निकली यात्रा के दौरान युवाओं की ओर से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रामराज्य की कल्पना का गुणगान किया गया और लोगों को मर्यादाओं में रहकर सामाजिक तानेबाने को जोड़ने का आह्वान हुआ। प्रांत प्रचारक कौशल ने कहा कि यात्रा का मकसद सिर्फ त्योहार की जानकारी देना नहीं है बल्कि सामाजिक समरसता कायम रखना भी है।

अखंड भारत एवं रामायण को राष्ट्र ग्रंथ बनाने को लेकर 100 करोड़ लोग कृतसंकल्पित हैं। इससे ही अखंड राष्ट्र की संकल्पना साकार होगी। 68 किलोमीटर की आयोजित यात्रा में दो पहिया व चार पहिया वाहन शामिल हुए। राष्ट्रीय पर्व उत्सव समिति के अध्यक्ष ललित श्रीवास्तव ने बताया कि सनातन एवं अपनी परंपराओं की रक्षा के लिए गत पांच वर्षों से यह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

आरएसएस के कारण दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी

डा. कृष्ण गोपालजासं, लखनऊ : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ पूरब भाग ने मंगलवार को 10 स्थानों पर विजयदशमी पर्व मनाया। गोमती नगर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि देशवासियों को विभाजनकारी और राष्ट्रविरोधी ताकतों की गतिविधियों से सावधान रहें। ऐसे लोग समाज में शिक्षकों, वकीलों, डाक्टरों और किसानों के वेश में छिपे हुए हैं और राष्ट्र-विरोधी तत्वों को मदद करते हैं।

उन्होंने स्वामी विवेकानंद और गुरु गोविंद सिंह का आह्वान किया और कहा कि संघ अपनी दैनिक शाखाओं में इस संस्कार को विकसित करता है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के कारण दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। संघ की स्थापना हिंदू समाज की कायरता और कमजोरी को दूर करने और जाति, पंथ, भाषा और प्रांतों और संप्रदायों के मतभेदों को भुलाकर इसे जीवंत, शक्तिशाली और मजबूत बनाने के लिए की गई थी।

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