उत्तराखंड: उत्तरकाशी व बागेश्वर में ट्रैकिंग के लिए गए 10 ट्रैकर्स की मौत, छह लापता; खोज में जुटी वायुसेना
देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी व बागेश्वर में ट्रैकिंग के लिए गए 10 ट्रैकर्स की मौत हो गई, जबकि छह लापता हैं। जिसमें उत्तरकाशी के चार और बागेश्वर के दो ट्रैकर्स शामिल है। लापता ट्रैकर्स की खोज में वायुसेना जुटी हुई है। बागेश्वर में पिंडारी ग्लेशियर की तरफ गए छह विदेशी समेत 34 ट्रैकर्स को हेलीकाप्टर से सुरक्षित निकाल लिया गया है। उत्तरकाशी के हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल की ट्रैकिंग पर 14 अक्टूबर को 17 सदस्यीय दल रवाना हुआ था। इनमें हरिनगर साउथ वेस्ट दिल्ली निवासी महिला ट्रैकर अनीता रावत भी शामिल हैं।
अन्य ट्रैकर्स बंगाल के बताए जा रहे हैं। इनमें छह पोर्टर शामिल थे। रसोइयों से विवाद होने के कारण सभी पोर्टर 16 अक्टूबर को दल को छोड़कर निकल गए थे, जो 17 अक्टूबर की रात को छितकुल पहुंचे। दल के बाकी 11 सदस्य तभी से लापता हैं। इनकी खोजबीन के लिए बुधवार को एसडीआरएफ ने हेलीकाप्टर से सर्च अभियान चलाया। गुरुवार को वायु सेना के तीन हेलीकाप्टरों के रेस्क्यू अभियान चला। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मिथुन दारी निवासी बंगाल के एक ट्रैकर को रेस्क्यू कर हर्षिल पहुंचाया गया। यहां सैन्य अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। एक गाइड को एसडीआरएफ ने अपने कैंप में रखा हुआ है। उसे शुक्रवार को हेली से रेस्क्यू किया जाएगा।
लापता अन्य चार सदस्यों की खोजबीन के लिए एसडीआरएफ चार सदस्यीय टीम संसाधनों के साथ लम्खागा क्षेत्र में रुकी हुई है। उन्होंने बताया कि एक महिला पर्यटक सहित पांच के शव बरामद हो गए हैं। बागेश्वर में सुंदरढूंगा की साहसिक यात्रा पर गए बंगाल के चार ट्रैकर्स की अतिवृष्टि की चपेट में आने से मौत हो गई। उनके दो साथी अभी लापता हैं। वहीं, पिंडारी से द्वाली लौटे 42 पर्यटक समेत स्थानीय लोगों को हेलीकाप्टर से खरकिया लाया गया है। 11 अक्टूबर को सुंदरढूंगा की तरफ छह ट्रैकर्स रवाना हुए। उनके साथ बतौर पोर्टर गए सुरेंद्र सिंह ने बताया कि चार ट्रैकर्स की मौत हो गई। उनके दो साथी अभी लापता हैं।
एक घायल समेत चार पोर्टर खाती गांव लौट आए हैं। कपकोट के एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि सुंदरढूंगा के लिए एसडीआरएफ की टीम रवाना की गई है। वहीं, पिंडारी ग्लेशियर की तरफ गए छह विदेशी समेत 34 ट्रैकर्स द्वाली में पुल बहने से फंसे हुए थे। सभी को गुरुवार को हेलीकाप्टर से निकाल लिया गया। सभी खरकिया पहुंच गए हैं। इस बीच कफनी ग्लेशियर की तरफ गए 20 स्थानीय ग्रामीणों का पता नहीं चल सका है। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि सुंदरढूंगा क्षेत्र में अभी बचाव कार्य नहीं शुरू हो सका है। चार ट्रैकरों की मौत की सूचना है। रेस्क्यू के बाद ही उनकी शिनाख्त व अन्य जानकारी मिल सकेगी।
तीन पोर्टर के शव स्वजन को सौंपे
उत्तरकाशी: भारत तिब्बत सीमा पुलिस के गश्ती दल से बिछुड़ कर मरे तीन पोर्टर के शव को सेना के हेलीकाप्टर के जरिये नेलांग से उत्तरकाशी मातली लाया गया। बाद में इन्हें स्वजन को सौंप दिया गया है। पोर्टर राजेंद्र सिंह, संजय सिंह व दिनेश चौहान के शव गत दिवस बर्फ से बरामद हुए थे। तीनों आइटीबीपी के गश्ती दल से बिछुड़कर रास्ता भटक गए थे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के अनुसार मृतक पोर्टर के स्वजन को आपदा मद से आर्थिक सहयोग का प्रयास किया जाएगा।