छठ भाव से जीव के विकारों को नष्ट करते हैं भगवान श्रीकृष्ण

छठ भाव से जीव के विकारों को नष्ट करते हैं भगवान श्रीकृष्ण
  • सहारनपुर में भगवान श्रीकृष्ण की छठी मनाते श्रद्धालु।

सहारनपुर [24CN]। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण छठ भाव से जीव के विकारों को नष्ट करते हैं। योगेश्वर कृष्ण बाल भाव में जीव का आत्म कल्याण करते हैं। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज आज यहां राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्रीकृष छठी महोत्सव पूजा में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण बाल भाव में दिव्य प्रेम एवं अखंड भक्ति का दिव्य प्रवाह प्रदान कर भक्तों का कल्याण करते हैं। श्रीकृष्ण ही काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार रूप विकारों का समन कर जीव को निर्मल भक्ति प्रदान कर जीव का कल्याण करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण 16 कला पूर्ण भाव से जीव की 64 कलाओं में विकृतियों को नष्ट कर जीव का भक्तिमय में प्रविष्ट कराकर कल्याण करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण राधा विग्रह रूप लड्डू गोपाल जन-जन का कल्याण करते हैं। इस दौरान अरूण स्वामी, मेहर चंद जैन, नरेश चंदेल, चौ. रविंद्र सिंह, विभा, बाला, ममता, गीता, उमा, करूणा, पं. योगेश तिवारी, पं. ऋषभ शर्मा आदि मौजूद रहे।