एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामला: SC ने केंद्र सरकार, DGCA और इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो से मांगा जवाब, रिपोर्ट पर नाराजगी जताई

नई दिल्ली: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आई प्रारंभिक रिपोर्ट पर नाराजगी जताई है और DGCA, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
बता दें कि इस मामले में आई प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसी टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण
इस मामले से जुड़ी जनहित याचिका में ये मांग की गई है कि जांच स्वतंत्र हो और जल्द से जल्द पूरी हो। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण पेश हुए। उन्होंने कहा कि हादसे को 100 दिन से ज्यादा हो गए, अब तक सिर्फ प्राथमिक रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में न तो कारण साफ है, न ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई सुझाव।
भूषण ने कहा कि जांच टीम में 5 सदस्य हैं, जिनमें 3 DGCA के अफसर हैं, जबकि DGCA की भूमिका खुद जांच के दायरे में है। इससे कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट है।
जस्टिस कांत और प्रशांत भूषण ने क्या-क्या कहा?
जस्टिस कांत ने कहा कि फेयर इन्क्वायरी जरूरी है लेकिन इतनी सारी बातें पब्लिक डोमेन में क्यों चाहिए? इस पर भूषण ने कहा कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) हर गलती रिकॉर्ड करता है। यह जानकारी छुपाना ठीक नहीं है। जस्टिस कांत ने कहा कि अभी जानकारी पब्लिक करना ठीक नहीं होगा। इस पर भूषण ने कहा कि पीड़ित परिवार और पायलट्स नाराज़ हैं कि रिपोर्ट में एक लाइन से पायलट को दोषी दिखाया गया। इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि वो लाइन बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी।
भूषण ने दलील दी कि असल वजह इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल्योर थी। दोनों इंजन बंद हो गए लेकिन एक वाक्य ने नैरेटिव बदल दिया। इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि गोपनीयता जरूरी है, वरना अफवाहें और गलत रिपोर्टिंग होगी। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष, स्वतंत्र और विशेषज्ञों की देखरेख में होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर DGCA, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो और केंद्र सरकार से जवाब भी मांगा।
क्या है एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामला?
गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान हादसे का शिकार हुआ था। 12 जून 2025 को ये भयानक घटना घटी थी। यह भारत की सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक है, जिसमें 260 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच में जो प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई थी, उसमें पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया था।
