अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की अधिसूचना

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की अधिसूचना

अयोध्या । रामनगरी अयोध्या में  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और श्रीराम मंदिर निर्माण समिति ने मंदिर निर्माण को लेकर एक और अधिसूचना जारी करते हुए नए आठ सदस्यों की विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस समिति में देश के टॉप इंजीनियरों को रखा गया है। यह समिति मंदिर निर्माण को लेकर 15 दिसंबर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस समिति का उद्देश्य विभिन्न भू-तकनीकी सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम गुणवत्ता और दीर्घायु के साथ मंदिर का निर्माण करना है।

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति ने श्रीराम मंदिर के लिए नींव डिजाइन की समीक्षा और सिफारिशों के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रतिष्ठित इंजीनियरों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इसका उद्देश्य विभिन्न भू-तकनीकी सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम गुणवत्ता और दीर्घायु के साथ मंदिर का निर्माण करना है।

मंदिर निर्माण विशेषज्ञ समिति में ये हैं सदस्य

  • 1. प्रो. वीएस राजू : पूर्व निदेशक, आईआईटी दिल्ली : अध्यक्ष
  • 2. प्रो. एन गोपलाकृष्णन : निदेशक, सीबीआरआई, रुड़की : कन्वेयर
  • 3. प्रो.एसआर गांधी : निदेशक, एनआईटी, सूरत : सदस्य
  • 4. प्रो. टीजी सीताराम : निदेशक, आईआईटी, गुवाहाटी : सदस्य
  • 5. प्रो. बी. भट्टाचार्जी एमेरिटस : प्रोफेसर, आईआईटी, दिल्ली : सदस्य
  • 6. एपी मुल : सलाहकार टीसीई : सदस्य
  • 7. प्रो. मनु संथानम : आईआईटी, मद्रास : सदस्य
  • 8. प्रो. प्रदीपता बनर्जी : आईआईटी, मुंबई : सदस्य

रामजन्मभूमि परिसर में विस्तार की तैयारी : पांच एकड़ के परकोटे में मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच रामजन्मभूमि परिसर को विस्तार देने की तैयारी के संकेत हैं। फिलहाल, संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर 70 एकड़ का है और राम मंदिर निर्माण के साथ परिसर के शेष हिस्से को वैदिक सिटी के रूप में विकसित किये जाने की योजना है। इस योजना के तहत तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और प्रशासन के नुमाइंदे इन दिनों रामजन्मभूमि परिसर के आंतरिक क्षेत्र सहित परिसर से लगी बाहरी भूमि का भी जायजा लेने में जुटे हुए हैं। यद्यपि ट्रस्ट के प्रतिनिधि मौन साधकर अपने काम में लगे हुए हैं, पर सूत्रों के अनुसार भव्य मंदिर और परिसर के शेष हिस्से में वैदिक सिटी के अनुरूप उससे जुड़े मार्गों और भवनों को भी विकसित करने की योजना के तहत कुछ अन्य भूमि भी परिसर में शामिल की जानी है।

पूर्वी सीमा पर बनेगा राम मंदिर का सिंह द्वार : पांच एकड़ के परकोटे में प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण के साथ रामजन्मभूमि परिसर की शेष 65 एकड़ भूमि पर भी विकास का खाका खींचा जाने लगा है। श्रीराम जन्मभूमि परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार यानी सिंह द्वार का स्थल भी चयनित हुआ है। सिंह द्वार राम जन्मभूमि परिसर की पूर्वी सीमा पर बनेगा और यह द्वार अयोध्या-फैजाबाद के मुख्य मार्ग से जुड़ेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और राम मंदिर निर्माण समिति प्रस्तावित मंदिर निर्माण के साथ राम जन्मभूमि परिसर को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। इसी तैयारी के अनुरूप आला अधिकारियों ने राम जन्मभूमि परिसर का निरीक्षण भी किया है।

15 जनवरी से राम मंदिर निर्माण शुरू करने की तैयारी : 15 जनवरी से राम मंदिर निर्माण का आरंभ करने की तैयारी है। ऐसे में सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अधिकारियों ने परिसर व उससे सटे इलाकों को देखा। सुरक्षा को देखते हुए आसपास के इलाकों की मैपिंग भी की जानी है। मंदिर परिसर में स्थित पुलिस चौकी को भी शिफ्ट किए जाने की आवश्यकता अधिकारियों ने महसूस की। मंदिर निर्माण में लगी कार्यदायी संस्था के वाहनों के आवागमन के लिए भी मार्ग आदि व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अधिकारियों के इस भ्रमण को राममंदिर से जुड़े भविष्य में किसे बड़ी परिवर्तन से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

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